वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे। छवि को देख नाग मुनि मोहे॥
जय सविता जय जयति दिवाकर!, सहस्त्रांशु! सप्ताश्व तिमिरहर॥ भानु! पतंग! मरीची! भास्कर!...
नित्त नेम कर प्रातः ही, पाठ करौं चालीसा।
धन निर्धन को देत सदाहीं। जो कोई जांचे वो फल पाहीं॥
O Lord! I beseech Your support and seel your divine blessing at this really instant. Help save and safeguard me. Destroy my enemies with all your Trishul. Launch me in the torture of evil views.
तुरत षडानन आप पठायउ। लवनिमेष महँ मारि गिरायउ॥
महाशिवरात्रि पर करें राशिनुसार रुद्राभिषेक, जानिए इस shiv chalisa in hindi शुभ पर्व का महत्व
त्रयोदशी ब्रत करे हमेशा। तन नहीं ताके रहे कलेशा॥
मैना मातु की ह्वै दुलारी। बाम अंग सोहत छवि न्यारी॥
प्रगट उदधि मंथन में ज्वाला। जरे सुरासुर भये विहाला॥
खुद को राख लपेटे फिरते, औरों को देते धन धाम
दानिन महँ तुम सम कोउ नाहीं। सेवक स्तुति करत सदाहीं॥
वेद shiv chalisa lyricsl माहि महिमा तुम गाई। अकथ अनादि भेद नहिं पाई॥
कीन्ह दया तहँ करी सहाई। नीलकण्ठ तब नाम कहाई॥